Gayatri Hazarika Death: असम की सुरों की रानी
गायत्री हजारिका (Gayatri Hazarika) उत्तर-पूर्व भारत की एक जानी-मानी पार्श्व गायिका हैं, जिनकी मधुर आवाज़ और भावनात्मक गायकी ने लाखों श्रोताओं के दिलों को छुआ है। असम की सांस्कृतिक विरासत को संगीत के माध्यम से देशभर में पहचान दिलाने वाली गायत्री हजारिका न केवल असमीया संगीत में बल्कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं।
प्रारंभिक जीवन और संगीत का आरंभ
गायत्री हजारिका का जन्म असम में हुआ था, जहां संगीत एक पारिवारिक परंपरा थी। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में संगीत की शिक्षा लेना शुरू किया। भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहरी समझ और लोक संगीत के प्रति विशेष झुकाव ने उन्हें एक अलग पहचान दी। उन्होंने भूपेन हजारिका जैसे महान संगीतकारों से प्रेरणा ली और असमीया संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।
करियर और उपलब्धियां
गायत्री हजारिका ने अपने करियर की शुरुआत असमीया लोक गीतों और पारंपरिक संगीत से की। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और उन्होंने हिंदी फिल्मों, डोक्युमेंट्रीज़ और थिएटर के लिए भी गायन किया।
उनकी आवाज़ में वो मिठास है जो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। चाहे वह कोई भावुक भजन हो, कोई रोमांटिक गीत या लोक पर आधारित गान — गायत्री हजारिका ने हर शैली में अपना प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुति दी है, जिससे असमिया संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहचान मिली।
असमीया संगीत में योगदान
गायत्री हजारिका का सबसे बड़ा योगदान असमीया लोक संगीत को लोकप्रिय बनाना रहा है। उन्होंने पारंपरिक गीतों को आधुनिक संगीत के साथ मिलाकर एक नई शैली पेश की, जिससे युवा पीढ़ी भी जुड़ाव महसूस कर सके।
पुरस्कार और सम्मान
गायत्री हजारिका को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। उन्होंने असम सरकार और अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं से सम्मान प्राप्त किया है। उनके संगीत को रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया पर भी भरपूर सराहना मिली है।
सोशल मीडिया और ऑनलाइन उपस्थिति
गायत्री हजारिका डिजिटल युग में भी काफी सक्रिय हैं। उनके गीत यूट्यूब, स्पॉटिफाई और अन्य संगीत प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। उनके चाहने वाले सोशल मीडिया पर भी उनके गीतों को शेयर करते हैं और नई पीढ़ी तक उनकी कला को पहुँचाते हैं।